Allama Iqbal shayari in Hindi | Allama Iqbal poetry

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 Allama Iqbal shayari in Hindi




1. ऐ ताइर-ए-लाहूती उस रिज़्क़ से मौत अच्छी 
    जिस रिज़्क़ से आती हो परवाज़ में कोताही 

2. हया नहीं है ज़माने की आँख में बाक़ी 
    ख़ुदा करे कि जवानी तिरी रहे बे-दाग़ 

3. फ़क़त निगाह से होता है फ़ैसला दिल का 
    न हो निगाह में शोख़ी तो दिलबरी क्या है 

4. जिस खेत से दहक़ाँ को मयस्सर नहीं रोज़ी 
    उस खेत के हर ख़ोशा-ए-गंदुम को जला दो 

5. सौ सौ उमीदें बंधती है इक इक निगाह पर 
    मुझ को न ऐसे प्यार से देखा करे कोई 

6. हरम-ए-पाक भी अल्लाह भी क़ुरआन भी एक 
    कुछ बड़ी बात थी होते जो मुसलमान भी एक 

7. बातिल से दबने वाले ऐ आसमाँ नहीं हम 
    सौ बार कर चुका है तू इम्तिहाँ हमारा

8. ढूँडता फिरता हूँ मैं 'इक़बाल' अपने आप को 
    आप ही गोया मुसाफ़िर आप ही मंज़िल हूँ मैं 

9. न समझोगे तो मिट जाओगे ऐ हिन्दोस्ताँ वालो 
    तुम्हारी दास्ताँ तक भी न होगी दास्तानों में 

10. अमल से ज़िंदगी बनती है जन्नत भी जहन्नम भी 
       ये ख़ाकी अपनी फ़ितरत में न नूरी है न नारी है 


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